
MP : भोपाल बड़ी ख़बर
लोकायुक्त ने एक बार फिर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बड़ी कार्रवाई की है। इस बार भ्रष्टाचार के एक और बड़े मामले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें नगर पालिका परिषद बाड़ी के CMO और दो अन्य कर्मचारियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है।
घटना की शुरुआत तब हुई जब भोपाल निवासी ठेकेदार राजेश मिश्रा ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में रायसेन जिले के बाड़ी नगर पालिका परिषद में श्मशान घाट का निर्माण कार्य कराया था। इस कार्य का भुगतान 2023 में किया गया, और इसके साथ ही टेंडर के तहत अमानत के रूप में 3 लाख 40 हजार रुपये FD के रूप में जमा किए गए थे।
ठेकेदार से एफडी तोड़ने के एवज में CMO ने मांगी रिश्वत
राजेश मिश्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि जब उसने श्मशान घाट के निर्माण कार्य के लिए जमा की गई FD को तोड़ने का प्रयास किया, तो नगर पालिका परिषद के CMO बद्री प्रसाद शर्मा ने इसके एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। ठेकेदार ने कई बार CMO से रिश्वत न लेने की विनती की, लेकिन CMO ने अपनी मांग को लेकर कोई नरमी नहीं दिखाई। मजबूर होकर ठेकेदार ने लोकायुक्त में इसकी शिकायत की।
लोकायुक्त ने सत्यापन के बाद किया कार्रवाई
इस शिकायत का सत्यापन लोकायुक्त संभाग भोपाल के प्रभारी पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत अवस्थी द्वारा उप पुलिस अधीक्षक संजय शुक्ला से कराया गया। सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि CMO बद्री प्रसाद शर्मा और उनके सहयोगी शुभम जैन एवं जयकुमार ठेकेदार से रिश्वत लेने का दबाव बना रहे थे।
40 और 60 हजार रुपये के चेक के साथ गिरफ्तारी
लोकायुक्त ने पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई की और एक जाल बिछाया। इसके बाद CMO बद्री प्रसाद शर्मा, शुभम जैन और जयकुमार को भोपाल के एमपी नगर स्थित एक होटल से रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से क्रमशः 40 हजार और 60 हजार रुपये के चेक बरामद हुए। यह चेक ठेकेदार से रिश्वत के रूप में लिया जा रहा था।
लोकायुक्त के डीएसपी संजय शुक्ला के नेतृत्व में यह ऑपरेशन सफल रहा, और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस कार्रवाई से यह साफ हो गया कि मध्यप्रदेश के अफसर अब चेक के जरिए रिश्वत ले रहे हैं, जो कि एक नया तरीका बन चुका है। लोकायुक्त का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई भविष्य में भी जारी रहेगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामले में आगे की कार्रवाई जारी
लोकायुक्त द्वारा आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। पुलिस जांच में यह भी पता चल सकता है कि इस मामले में और कौन-कौन से अधिकारी शामिल हो सकते हैं।