Prayagraj में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान मंगलवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें भगदड़ मचने से कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 90 से अधिक लोग घायल हो गए।मृतकों में से 25 की पहचान हो चुकी है।
घटना का विवरण
मंगलवार की रात लगभग 1:30 बजे, मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम तट पर स्नान के लिए उमड़ी भारी भीड़ के बीच अचानक भगदड़ मच गई।प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, सुरक्षा बैरिकेड्स के टूटने के कारण यह हादसा हुआ।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े, जिससे यह दुखद घटना घटी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, इस हादसे में 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से 25 की पहचान हो चुकी है।घायलों में से कई की हालत गंभीर बनी हुई है, और उन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
मृतकों की पहचान
मृतकों में उत्तर प्रदेश के 19, कर्नाटक के 4, गुजरात और असम के एक-एक श्रद्धालु शामिल हैं। 25 शवों की पहचान की जा चुकी है, जबकि शेष की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
यातायात व्यवस्था पर प्रभाव
घटना के बाद प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। वाराणसी-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर भदोही की सीमा में हजारों श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। पुलिस और प्रशासन ने एहतियातन कई स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाकर श्रद्धालुओं और उनके वाहनों की आवाजाही पर अस्थायी रोक लगा दी है। भदोही में करीब 5000 वाहन फंसे हुए हैं, जिनमें बसें, कारें, ट्रैक्टर-ट्रॉली और अन्य वाहन शामिल हैं।
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और राज्य सरकार को तत्काल राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने ट्वीट कर कहा, “प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है।मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।प्रार्थना है कि घायल जल्द स्वस्थ हों।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए दिल्ली का अपना निर्धारित दौरा रद्द कर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने महाकुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन के बावजूद, भीड़ प्रबंधन में हुई चूक स्पष्ट रूप से सामने आई है। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते, तो इस त्रासदी से बचा जा सकता था।
आगे की कार्रवाई
प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।साथ ही, भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की बात कही गई है।
श्रद्धालुओं से अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें। साथ ही, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतने और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में इस तरह की घटना का होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।आवश्यक है कि प्रशासन और संबंधित एजेंसियां मिलकर सुरक्षा व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ करें, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।