SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान शुरू करने की सलाह अमूमन सभी फाइनेंशियल प्लानर देते हैं। इसका असर भी हुआ है। सिप के जरिये Mutual Funds में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या कई करोड़ हो गई है। शायद, आप भी उन लोगों में होंगे, जिसे किसी ने किसी से सिप शुरू करने की सलाह मिली होगी लेकिन क्या आपको किसी ने यह बताया है कि सिप को कब पॉज या रोकना चाहिए। आज हम आपको बता रहे हैं सिप को कब रोकना चाहिए और फिर कब शुरू करना चाहिए। इसके क्या फायदे हैं?
क्या है सिप पॉज की रणनीति?
सिप पॉज एक रणनीतिक है जो निवेशकों को निवेश को पूरी तरह से बंद किए बिना अपने एसआईपी योगदान को अस्थायी रूप से रोकने की अनुमति देता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि एसआईपी पॉज में थोड़े समय तक सिप को रोक दिया जाता है। यह अवधि म्यूचुअल फंड कंपनी की नीतियों के आधार पर कई महीनों से लेकर एक साल तक हो सकती है। इस विराम के दौरान, निवेशकों को अपने एसआईपी में कोई अतिरिक्त योगदान करने की बाध्यता नहीं होती है। यह अस्थायी समाप्ति विशेष रूप से तब फायदेमंद हो सकती है जब कोई व्यक्ति वित्तीय संकट का सामना करता है।
किन हालात में ‘सिप पॉज’ करना फायदेमंद
- वित्तीय संकट: मेडिकल एमरजेंसी, बेरोजगारी या कोई और बड़े खर्चों जैसे समय में, SIP को रोकना सही फैसला होता है। यह अस्थायी रोक आप पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद करता है।
- करियर में बदलाव: नौकरी बदलने, बिजनेस या आगे की शिक्षा के दौरान, व्यक्तियों को आय में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। SIP को रोकना इन बदलावों के अनुकूल होने में मदद कर सकता है और साथ ही लंबी अवधि के निवेश उद्देश्यों को बनाए रख सकता है।
- महत्वपूर्ण घटनाए: शादी, बच्चे का जन्म या घर खरीदना जैसे जीवन के बड़े पड़ावों के लिए अक्सर काफी वित्तीय व्यय की जरूरत होती है। SIP को रोकना इन वित्तीय मांगों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।