रीवा (पेट्रोल न्यूज़):रीवा के विंध्य अस्पताल में कार्यरत एक स्टाफ नर्स की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, मुस्कान साकेत नामक स्टाफ नर्स ने जहर खा लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। उसे गंभीर हालत में छोटी पुल के पास एक ऑटो वाले ने पाया और आनन-फानन में विंध्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती करने के बावजूद,निर्धारित रकम जमा न कर पाने के चलते अस्पताल प्रबंधन ने शव देने से इनकार कर दिया।
पिता का आरोप: रूपयों की खातिर शव देने से किया इनकार
मुस्कान के पिता ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन ने शव देने से केवल इसलिए इनकार किया, क्योंकि वह पैसे जमा करने की स्थिति में नहीं थे। मुस्कान के पिता ने कहा, “मेरी बेटी की जान जाने के बाद भी अस्पताल ने पैसे की मांग की, और शव देने से मना कर दिया। यह बहुत ही अमानवीय व्यवहार है।”
सामान्य जीवन और मुश्किलें
मुस्कान साकेत रीवा के सौदामिनी कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स कर रही थी और साथ ही विंध्य अस्पताल में स्टाफ नर्स के रूप में काम कर रही थी। वह रोज सुबह 7 बजे अपने घर से निकलती थी और अस्पताल में 8 बजे से अपनी ड्यूटी पर जाती थी। उसकी मां ने बताया कि वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपनी मेहनत से परिवार का सहारा बन रही थी, लेकिन दुख की बात है कि उसकी जान चली गई।
अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप
अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों का कहना है कि विंध्य अस्पताल में मरीजों से अधिक शुल्क लिया जाता है। यहां तक कि सामान्य दवाइयां भी खुले बाजार की तुलना में कई गुना महंगी बेची जाती हैं। सूत्रों का कहना है कि जो दवाइयां बाजार में ₹20 में मिल सकती हैं, उन्हें यहां ₹100-170 में बेचा जाता है। अस्पताल प्रबंधन पर यह आरोप भी है कि वह केवल पैसे के लिए मरीजों से वसूली करता है और उनके इलाज में लापरवाही करता है।
क्या कहता है अस्पताल प्रबंधन?
फिलहाल अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस मामले पर बयान आया है कि जो ₹20000 परिजनों से मांगा जा रहा था, वह सिर्फ दवाइयों का मांगा जा रहा था। हालांकि, प्रशासन ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की संभावना जताई है।
इस मामले ने शहर में सनसनी मचा दी है और लोग अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है?