

चित्रकूट महाकुंभ की तैयारियों के तहत नगर पालिका की सफाई टीम ने सफाई अभियान के सातवें दिन रामघाट के छोटेपुल के पास मंदाकिनी नदी में जमा सिल्ट की सफाई शुरू की। करीब एक फीट ऊंची सिल्ट के कारण घाट पूरी तरह निष्प्रयोज्य और गंदगी से भरे हुए थे।
बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि महाकुंभ तक सफाई अभियान लगातार जारी रहेगा। पहले छह दिन उनकी टीम ने सफाई की, और अब नगर पालिका के सफाई कर्मी अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि छोटेपुल से बूड़े हनुमान मंदिर तक नदी के रैंप में सिल्ट और मलबा जमा है। पन्नालाल घाट पर तो स्थिति और भी खराब है, जहां करीब 3 मीटर चौड़े हिस्से में एक फीट ऊंचा मलबा जमा हो चुका है।
नगर पालिका सफाई अभियान के साथ घाट को स्नान योग्य बनाने का प्रयास कर रही है। सफाई के बाद घाट का 50 मीटर क्षेत्र नहाने योग्य हो सकेगा। बुंदेली सेना ने सिंचाई विभाग से नावें लगाकर नदी की सफाई करने और पूरे रामघाट पर सीढ़ियों से काई हटाने की अपील की है। नगर पालिका के अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता, ईओ लालजी, और सफाई निरीक्षक कमलाकांत शुक्ला के सहयोग के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया।
तीन विभागों के फेर में अंधेरे में डूबा रामघाट
महाकुंभ के लिए रामघाट की सफाई तो जारी है, लेकिन घाटों को रोशन करने वाली लाइटें विभागीय खींचतान की वजह से बंद पड़ी हैं। छोटेपुल से बूड़े हनुमान मंदिर तक की लाइटें तीन विभागों- सिंचाई विभाग, नगर पालिका, और पर्यटन विभाग के बीच जिम्मेदारी के विवाद में उलझी हैं।
पहले इनकी देखरेख सिंचाई विभाग करता था, लेकिन अब यह जिम्मेदारी नगर पालिका को सौंप दी गई है। वहीं, नगर पालिका का कहना है कि यह पर्यटन विभाग का कार्यक्षेत्र है। तीनों विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं, लेकिन समाधान की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
बुंदेली सेना ने जिलाधिकारी से अपील की है कि इस समस्या का जल्द समाधान कर घाटों को रोशन किया जाए, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को असुविधा न हो।