भोपाल गैस कांड के कचरे को जलाने का विरोध, दो की हालत गंभीर
MP,धार। यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने के विरोध में शुक्रवार को हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। बंद के दौरान महाराणा प्रताप चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया। घटना में दोनों प्रदर्शनकारी, राजकुमार रघुवंशी और राज पटेल, गंभीर रूप से झुलस गए। इस हृदयविदारक घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें प्रदर्शनकारियों को आग की लपटों में घिरा देखा जा सकता है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह की कोशिश
पिछले कई दिनों से यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध जारी है। शुक्रवार को नगरवासियों ने बंद का आह्वान किया था। महाराणा प्रताप चौराहे पर जुटे सैकड़ों लोगों ने रैली और धरने का आयोजन किया। इस दौरान जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, तभी राजकुमार और राज पटेल ने बोतल में लाए ज्वलनशील पदार्थ को खुद पर डाल लिया और आग लगा ली।
60 फीसदी झुलसे, स्थिति नाजुक
आग लगने के बाद दोनों प्रदर्शनकारियों के सिर और ऊपरी हिस्से बुरी तरह झुलस गए। मौके पर भगदड़ मच गई। पुलिस ने तुरंत आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक दोनों 60 फीसदी से ज्यादा जल चुके थे। उन्हें तुरंत इंदौर के चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
इंदौर से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात
घटना के बाद पीथमपुर में तनावपूर्ण माहौल है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इंदौर से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने इलाके में शांति बनाए रखने की अपील की है।
भोपाल गैस कांड से जुड़ा विरोध
3 दिसंबर 1984 को भोपाल में हुए गैस कांड में मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव से हजारों लोगों की मौत हुई थी। इस हादसे के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में जमा जहरीला कचरा अब तक बंद पड़ा था। इसे पीथमपुर में जलाने का फैसला लिया गया, जिसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों का आरोप: प्रशासन कर रहा अनदेखी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाने से क्षेत्र के पर्यावरण और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। उनका आरोप है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहा है।
सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
घटना के बाद सरकार और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जहरीले कचरे को जलाने का विरोध लंबे समय से चल रहा है, लेकिन प्रशासन ने उनकी मांगों को अनदेखा किया।
स्थिति अब भी तनावपूर्ण
घटना के बाद से पीथमपुर में आक्रोश व्याप्त है। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस तैनात है, लेकिन स्थानीय लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। प्रशासन और सरकार के लिए यह घटना एक चेतावनी है कि जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है।