

चित्रकूट :अभी तक आपने बड़े शहरों में लाइब्रेरी खुलने के बारे में सुना होगा और वहां जाकर पढ़ाई भी की होगी.लेकिन अब बदलते दौर के साथ गांव की भी सूरत बदल रही है.और गांव के बच्चे भी अपने ही गांव में खुली लाइब्रेरी में बैठकर नि शुल्क में पढ़ाई कर सकते है.जानकारी के लिए बता दे कि चित्रकूट जिले में शायद ऐसा पहली बार हो पाया है.जिसमें गांव के प्रधान के द्वारा बच्चों के भविष्य को लेकर ऐसा नेक काम किया गया हो.
बता दे कि चित्रकूट जिले के रैपुरा गांव के प्रधान गुड्डा पटेल ने अपने गांव में बच्चों के लिए लाइब्रेरी बनवा के जिले के लिए एक मिशाल पेश की है.इस लाइब्रेरी में बच्चों को पढ़ाई करने के लिए बुक्स भी रखवाई गई है.जिन बुक्स से युवा युवती पढ़ाई करते है.जिसके साथ ही प्रधान के द्वारा लाइब्रेरी में वाईफाई भी लगवाया गया है.
जिसका उपयोग करके बच्चे और आसानी ने अपनी पढ़ाई कर सकते है.जानकारी के लिए बता थे यह लाइब्रेरी जिले के उस गांव में बनी है.जिस गांव को जिले का आईएएस पीसीएस वाला गांव कहा जाता है. और इस गांव के अधिकतर घर के लोग सरकारी नौकरी में भी है. ऐसे में यह लाइब्रेरी यहां की युवाओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
वही रैपुरा गांव के प्रधान गुड्डा पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि एक दिन मेरे मन में बैठे-बैठे ख्याल आया कि क्यों ना मैं गांव के प्रधान होने के नाते इस गांव में कुछ ऐसा करूं कि जिससे युवाओं का भविष्य बने. तभी मैंने अपने गांव में एक लाइब्रेरी का निर्माण करवा दिया. और उसमें बच्चों के बैठने पढ़ाई करने सहित अन्य सुविधाएं लाइब्रेरी में उपलब्ध करा दी. इसमें अब गांव के बच्चे जाकर पढ़ाई करते हैं.
इसे कोई भी शुल्क फीस नहीं ली जाती है. उनका कहना है कि इस लाइब्रेरी में हमको गांव के लोग भी सहयोग कर रहे हैं और हमारे गांव के जितने भी आईएएस पीसीएस अफसर के घरों के लोग हैं वह अपनी किताबें हमको लाइब्रेरी में निशुल्क दान में देकर जा रहे हैं. जिससे कि यहां आने वाले बच्चे उन किताबों को पढ़कर ऊंची ऊंची पोस्ट में जाकर गांव का नाम रोशन कर सके.
वही लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे युवा युवती ने बताया कि हम लोगों ने कभी यह नहीं सोचा था कि हम लोग भी लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे. लेकिन यह सब हमारे गांव के प्रधान के बदौलत हो पाया है. और इस लाइब्रेरी में हमको कोई भी चीज की परेशानी नहीं होती है यहां तक की गांव के प्रधान के द्वारा इसमें वाई-फाई भी लगवा दिया गया है और निशुल्क में किताबें भी पढ़ाई के लिए दी गई है. उनका कहना है कि हम लोग गरीब परिवार से आते हैं इसके बाद भी प्रधान जी की इस अनोखी पहल से हम लोगों के सपने अब आगे पूरे हो पाएंगे.